यूपीए की घिनौनी साजिस, मोहन भागवत का नाम आतंकवाद में शामिल करना चाहता था
UPA ने रची थी मोहन भगवत को फ़साने की घिनोनी चाल
मोहन भगवत एक जाना माना नाम है. इस देश में ऐसा कौन है जो मोहन भगवत को नहीं जानता। कुछ लोगों के लिए ये आलोचना के केंद्र बने रहते हैं, और कुछ के लिए एक हिन्दू कट्टर वादी नेता हैं। आप को बताते चले की मोहन मधुकर भागवत भारत में हिंदू राष्ट्रवादी संगठन ( RSS ) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वर्तमान प्रमुख हैं। RSS प्रमुख के नाते हर रोज चर्चा में बने रहते हैं, कभी अपने बयानों के बजह से भी।
संघ प्रमुख मोहन भागवत को लेकर हुई एक बहुत बड़ी साजिश का पर्दाफास
मोहन भगवत से जुडी एक बड़ी साजिस सामने आ रही है। इस साजिस से सत्ता धारी नेता और विपक्ष एक बार फिर आमने सामने आ गए है। इस बार ये मुद्दा कुछ जादा ही गरम होता जा रहा है, होगा भी क्यूँ नहीं आखिर हिंदुत्ब पे सीधा निशाना जो बनाया गया है।
माना ये भी जाता है की मोहन भगवत एक कट्टर हिन्दू वादी विचार धरा के समर्थक हैं। इसी का फ़ायदा उठा कर कांग्रेस की सरकार उन्हें फ़साने की साजिस रच रहा था।
टाइम्स नाउ के हवाले से अये एक खबर के मुताबिक यूपीए (UPA) मोहन भागवत को आतंकियों की सूची में शामिल करना चाहती थी. कांग्रेस ने मोहन भगवत को हिन्दू आतंकवाद के नाम पर फ़साने की पूरी साजिस को अंजाम दे चुकी थी।
टाइम्स नाउ के हवाले से अये एक खबर के मुताबिक यूपीए (UPA) मोहन भागवत को आतंकियों की सूची में शामिल करना चाहती थी. कांग्रेस ने मोहन भगवत को हिन्दू आतंकवाद के नाम पर फ़साने की पूरी साजिस को अंजाम दे चुकी थी।
कांग्रेस ने अजमेर और मालेगांव ब्लास्ट के बाद हिन्दू आतंकवाद के एक थ्योरी पेश की थी। मोहन भगवत को भी इसी थ्योरी के तहत फ़साने की कोसिस की जा रही थी।
इस दौरान कांग्रेस ने NIA ( नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी ) पर दबाव भी बनाना सुरु कर दिया था। ये तो पहले से ही बोला जाता है की सत्ता धारी सरकार सरकारी एजेंसी का अपने ढ़ंग से इस्तमाल करते हैं.
इस दौरान कांग्रेस ने NIA ( नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी ) पर दबाव भी बनाना सुरु कर दिया था। ये तो पहले से ही बोला जाता है की सत्ता धारी सरकार सरकारी एजेंसी का अपने ढ़ंग से इस्तमाल करते हैं.
खबर ये भी है की इन ब्लास्ट को ले कर जांच अधिकारी संघ प्रमुख से पूछताछ करना चाहते थे। बता दें कि जांच अधिकारी ये सब कांग्रेस के दवाब में आकर कर रहे थे। तत्कालीन गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे भी इस रणनीति में शामिल थे और भागवत को पूछताछ के लिए हिरासत में लेना कहते थे।
संदिग्ध आतंकी स्वामी असीमानंद का 2014 में एक पत्रिका में इंटरव्यू छपा था। इंटरव्यू में मोहन भागवत को आतंकी हमलों का मुख्य प्रेरक बताया गया था, जिसके बाद यूपीए ने एनआईए पर जोर डालना शुरू कर दिया लेकिन जांच एंजेसी के प्रमुख शरद यादव ने इस मामले से कन्नी काट ली। लेकिन यूपीए चाहती थी कि भागवत से जुड़ी टेप की फॉरेंसिक जांच हो मगर केस के आगे न बढ़ने से एनआईए ने इस मामले से किनारा कर फाइल बंद कर दी।
ये भी पढ़ें :-
- मोदी के इस चल से घबराया चीन
- असम चुनाव में बीजेपी ने लहराया जीत का परचम
- गुजरात,हिमाचल और कर्नाटक में किसकी बनेगी सरकार !
- भारत ने सिखाया चीन को सबक, जानिया क्या है पूरा मामला
- अब जम्मू कश्मीर में आतंकी की खैर नहीं, मोदी ने बनाया मास्टर प्लान
Post a Comment